‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद आतंकवाद के खिलाफ भारत के कड़े रुख का संदेश लेकर सात सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल विदेश जाएंगे। जिनमें से कुछ प्रतिनिधिमंडलों का नेतृत्व सत्तारूढ़ दलों के नेता कर रहे हैं जबकि कुछ की अगुवाई विपक्षी दलों के नेता करेंगे।
एक प्रतिनिधिमंडल की कमान कांग्रेस सांसद शशि थरूर को मिली है। जिसे पर सियासी बवाल मचा हुआ है, क्योंकि कांग्रेस ने उनका नाम प्रस्तावित किया था। अब इसे लेकर कांग्रेस और भाजपा एक दूसरे पर आरोप लगा रहे हैं।
सरकार ने प्रतिनिधिमंडलों का नेतृत्व करने के लिए जिन नेताओं का चयन किया है, उनमें सत्तारूढ़ दलों से भाजपा नेता रविशंकर प्रसाद और बैजयंत पांडा, एनडीए में शामिल शिवसेना के श्रीकांत शिंदे और जनता दल (यूनाइटेड) के नेता संजय झा, विपक्षी दलों में कांग्रेस के शशि थरूर, द्रविड़ मुन्नेत्र कषगम (द्रमुक) की कनिमोई, राकांपा-एसपी की सुप्रिया सुले शामिल हैं।
शशि थरूर के नाम को लेकर अब सियासत हो रही है। दरअसल कांग्रेस ने जिन चार नामों का प्रस्ताव भेजा था, उनमें शशि थरूर का नाम नहीं था। केंद्र सरकार ने थरूर का नाम खुद से प्रस्तावित किया है।