औरैया/हरचंदपुर
गर्मी का पारा जैसे-जैसे चढ़ रहा है, वैसे-वैसे जिला औरैया के गांवों में आमजन की परेशानियां भी बढ़ती जा रही हैं। विशेष रूप से दिबियापुर-बिधूना रोड पर बसे हरचंदपुर गांव में पानी की किल्लत ने लोगों की तकलीफें और बढ़ा दी हैं। गांव के तीन प्रमुख स्थानों – बडौदा यूपी ग्रामीण बैंक शाखा, हरचंदपुर तिराहा, और सरायपुख्ता मजरा – में लगे वाटर कूलर कई सालो से खराब पड़े हैं। मगर जिम्मेदार अधिकारी और जनप्रतिनिधि इस गंभीर समस्या की ओर आंखें मूंदे बैठे हैं।

छह महीने से सूखा पड़ा प्यास बुझाने का इंतजाम
हरचंदपुर गांव के बाहर स्थित बडौदा यूपी ग्रामीण बैंक शाखा, जहां हर दिन सैकड़ों ग्रामीण बैंकिंग कार्यों के लिए आते हैं, वहां लगा वाटर कूलर लंबे समय से खराब है। साथ ही इस मार्ग पर एक इंटर कॉलेज, कई जनरल स्टोर्स, और अन्य संस्थान भी मौजूद हैं, जिनमें छात्र-छात्राएं और राहगीर बड़ी संख्या में आते-जाते हैं।
स्थानीय लोगों का कहना है कि शुरू में यह वाटर कूलर बहुत उपयोगी रहा, लेकिन अब छह महीने से इसमें पानी की एक बूंद भी नहीं मिल रही। इसके चलते गर्मी में लोग दुकान से बोतल या थैली का पानी खरीदने को मजबूर हैं, जिससे उनकी जेब पर भी अतिरिक्त बोझ पड़ रहा है।

हरचंदपुर तिराहा और सरायपुख्ता की स्थिति भी बदतर
बैंक के अलावा, हरचंदपुर तिराहा पर लगा वाटर कूलर भी करीब सात महीने से खराब है। यही हाल ग्राम पंचायत हरचंदपुर के मजरा सरायपुख्ता का है, जहां भी वाटर कूलर कई महीनों से खराब पड़ा है। भीषण गर्मी में ग्रामीणों और राहगीरों को पीने का पानी नसीब नहीं हो रहा है।
ग्राम प्रधान को कई बार दी गई शिकायतें, नहीं मिला हल
ग्रामीणों ने बताया कि ग्राम प्रधान राजीव आर्य और अन्य जिम्मेदार अधिकारियों को कई बार इस बारे में अवगत कराया गया। परंतु न तो कोई ठोस आश्वासन मिला, न ही अब तक मरम्मत कराई गई। ग्रामीणों का कहना है कि पंचायत के अन्य मजरों में भी यही हालात हैं, लेकिन कोई देखने-सुनने वाला नहीं है।

42 डिग्री तापमान में पानी के लिए जद्दोजहद
हरचंदपुर और आस-पास के इलाकों में गर्मी अपने चरम पर है। तापमान 42 डिग्री सेल्सियस के पार जा चुका है। ऐसे में ग्रामीणों के हलक सूख रहे हैं, लेकिन राहत का कोई इंतजाम नहीं है। ग्रामीणों ने जिला प्रशासन औरैया से तत्काल हस्तक्षेप की मांग की है।
स्थानीय प्रशासन की अनदेखी बनी चिंता का कारण
यह स्थिति केवल एक गांव की नहीं, बल्कि औरैया जनपद के प्रशासनिक लापरवाही की बड़ी मिसाल बनती जा रही है। बेसिक सुविधाएं जैसे पीने का पानी भी यदि उपलब्ध न हो, तो ग्रामीणों का गुस्सा स्वाभाविक है।
अब देखना यह है कि क्या जिला प्रशासन इस बुनियादी ज़रूरत और जनता की आवाज़ को गंभीरता से लेकर कोई ठोस कदम उठाएगा या फिर ग्रामीणों को आने वाले महीनों में भी इसी तरह परेशानी का सामना करना पड़ेगा।
रिपोर्ट- [ नीरज सक्सेना ]
स्थान: हरचंदपुर, औरैया (उत्तर प्रदेश)