बुरा ख़्वाब बन गया एयर इंडिया का ड्रीमलाइनर…….जाने कब कब हुए भारत में विमान हादसे बड़े विमान हादसों पर एक नजर!

रिपोर्ट- उमेश भार्गव

एयर इंडिया के बोइंग ड्रीमलाइनर 787 विमान की फ्लाइट AI 171 क्रैश होने के पीछे क्या कोई साजिश है!! या फिर ये महज एक हादसा है.. अगर हादसा है तो किसकी जिम्मेदारी है!! और अगर साजिश है तो इसके पीछे कौन है?? ये सवाल सबके दिमाग में कौंध रहा है. इन सवालों का जवाब विमान के ब्लैक बॉक्स में छिपा है.. हालांकि, ब्लैक बॉक्स अभी मिला नहीं है. उसकी तलाश चल रही है.
अमूमन विमान बर्ड हिट, खराब मौसम, इंजन फेल, नेविगेशन सिस्टम में गड़बड़ी, लैंडिंग गियर या विंग्स में खराबी, पायलट की गलती, एयर ट्रैफिक कंट्रोल (एटीसी) की चूक या ऐसी ही अन्य वजहों से क्रैश होते हैं. अहमदाबाद टु लंदन की फ्लाइट क्रैश होने के पीछे अगर कोई साजिश नहीं है तो कारण इनमें से एक हो सकता है. खास बात ये है कि क्रैश होने से पहले यही फ्लाइट कुछ देर पहले दिल्ली से अहमदाबाद एयरपोर्ट पर लैंड हुई थी.. लंदन के रेड हिल साउथ ईस्ट में रहने वाले भारतीय मूल के एक एंटरप्रेन्योर आकाश वत्स भी इसी फ्लाइट से दिल्ली से अहमदाबाद आए थे और उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर विमान में तमाम खामियों का एक वीडियो भी पोस्ट किया है. इस वीडियो में आकाश दिखा रहे हैं कि सीट पर लगा हुआ टीवी काम नहीं कर रहा है.. अटेंडेंट को बुलाने वाला रिमोट भी खराब है और एसी भी बंद है.. टेक ऑफ से पहले विमान की पूरी तरह से जांच की गई थी.. इस मामले में विमानन कानून बहुत सख्त हैं. जांच में विमान को क्लियरेंस मिलने के बाद ही टेक ऑफ हुआ था.. और चंद मिनट में ही विमान क्रैश हो गया.


बोइंग ड्रीमलाइनर 787 करीब 11 साल पुराना विमान था. टेक ऑफ के चंद सेकेंड बाद विमान 425 फीट की ऊंचाई तक पहुंचा. इसी ऊंचाई पर विमान आउट ऑफ कंट्रोल हो गया. विमान आगे बढ़ना बंद हो गया. हवा में लहराता विमान 475 फिट प्रति मिनट की गति से नीचे जा गिरा.. पायलट के पास इतना भी वक्त नहीं था कि वो कुछ सोच पाता. पायलट सिर्फ मे डे मे डे ही कह पाया.. और चंद सेकेंड में ही विमान हॉस्टल की बिल्डिंग से जा टकराया. क्रैश का वीडियो देखेंगे तो हादसा कुछ समझ आ सकता है.. सवाल ये है कि इतनी ऊंचाई पर जाकर क्या विमान के इंजन बंद हो गए थे?? पायलट ने तेजी से नीचे गिरते विमान को ऊपर उठाने की कोशिश जरूर की होगी.. लेकिन शायद वक्त बहुत कम था.. मात्र 50 से 55 सेकेंड.. ये भी आशंका है कि विमान का वजन ज्यादा होगा.. वजन का अंदाजा लगाने में तो चूक नहीं हुई!! इसकी भी पड़ताल चल रही है. कोई सॉफ्टवेयर ग्लिच तो नहीं था, इस दिशा में भी पड़ताल हो रही है.. टेक ऑफ के वक्त इंजन पूरी तरह से थ्रस्ट जनरेट कर पाया था या नहीं.. ये भी जांच का विषय है..
ये सारी जानकारियां विमान के ब्लैक बॉक्स से मिलेंगी. ब्लैक बॉक्स विमान के कॉकपिट में होता है और किसी भी तरह के हादसे में नष्ट नहीं होता. ब्लैक बॉक्स में दो तरह के रिकॉर्डर होते हैं.
पहला फ्लाइट डाटा रिकॉर्डर, जो विमान का सारा महत्वपूर्ण तकनीकि डाटा रिकॉर्ड करता है. इसमें विमान की दिशा, गति, ऊंचाई, ईंधन का स्तर और अन्य जानकारियां शामिल होती हैं.. इस डाटा के विश्लेषण से पता चलता है कि विमान ने किस परिस्थितियों में उड़ान भरी थी और क्रैश के समय क्या हो रहा था.
दूसरा कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर.. इसमें कॉकपिट के भीतर की बातें रिकॉर्ड होती हैं. इसमें पायलट और सह पायलट के बीच होने वाली बातचीत के अलावा अलार्म की आवाजें और अन्य महत्वपूर्ण संकेत शामिल होते हैं.. इससे जांचकर्ताओं को ये समझने में मदद मिलती है कि पायलट ने किन परिस्थितियों में क्या निर्णय लिया और अगर कोई तकनीकी समस्या पैदा हुई तो पायलट ने उस पर अपनी क्या प्रतिक्रिया दी..

भारत में हुए कुछ प्रमुख विमान हादसे :

भारत में विमानन का इतिहास लंबा है, लेकिन इसके साथ कुछ दुखद हादसे भी जुड़े हैं. आइए, भारत में अब तक हुए कुछ बड़े विमान हादसों पर नजर डालें, जो इतिहास के पन्नों में दर्ज हैं. ये हादसे तकनीकी खराबी, मानवीय भूल, या खराब मौसम जैसे कारणों से हुए.

1- जापान एयरलाइंस फ्लाइट 471
तारीख: 14 जून, 1972
स्थान: पालम एयरपोर्ट, नई दिल्ली के पास
विवरण: जापान एयरलाइंस फ्लाइट 471 उस वक्त लैंड करने वाली थी. तभी वो विदेशी विमान पालम एयरपोर्ट के करीब हादसे का शिकार हो गया. उसमें सवार यात्रियों में से 82 की मौत हो गई थी और जहां विमान गिरा था, वहां मौजूद 3 नागरिक भी मारे गए थे. जापान ने इस हादसे की वजह फॉल्स ग्लाइड पाथ सिग्नल को बताया था. जबकि भारत ने लेटडाउन प्रक्रिया की अनदेखी को वजह माना था.

2- इंडियन एयरलाइंस फ्लाइट 440
तारीख: 31 मई, 1973
स्थान: पालम एयरपोर्ट, नई दिल्ली
विवरण: इंडियन एयरलाइंस फ्लाइट 440 की वो फ्लाइट उस वक्त पालम एयरपोर्ट पर लैंड कर रही थी. लेकिन अचानक लैंडिंग के समय पायलट की एक छोटी से गलती बड़े हादसे में तब्दील हो गई और पालम एयरपोर्ट पर ही विमान क्रैश हो गया. विमान में सवार 65 में से 48 यात्रियों की मौत हो गई थी.हादसे में तत्कालीन केंद्रीय मंत्री सुरेंद्र मोहन कुमारमंगलम की भी मौत हुई थी.

3- इंडियन एयरलाइंस फ्लाइट 171
तारीख: 12 अक्टूबर, 1976
स्थान: बॉम्बे (मुंबई)
विवरण: हवा में इंडियन एयरलाइंस फ्लाइट 171 का इंजन अचानक फेल हो गया था. जिसकी वजह से विमान में भयानक आग लग गई थी. नतीजा ये हुआ कि इस हादसे के दौरान विमान में सवार सभी 95 यात्री मारे गए थे.

4- एयर इंडिया फ्लाइट 855
तारीख: 1 जनवरी 1978
स्थान: अरब सागर, मुंबई
विवरण: एयर इंडिया का बोइंग 747 (फ्लाइट 855) टेकऑफ के तुरंत बाद अरब सागर में दुर्घटनाग्रस्त हो गया. इस हादसे में 213 लोगों की मौत हुई. कारण पायलट की गलती और उपकरणों की खराबी बताया गया.

5- अहमदाबाद में इंडियन एयरलाइंस हादसा
तारीख: 19 अक्टूबर 1988
स्थान: अहमदाबाद, गुजरात
विवरण: इंडियन एयरलाइंस की फ्लाइट IC-113 टेकऑफ के दौरान सरदार वल्लभभाई पटेल हवाई अड्डे से 2 किमी दूर क्रैश हो गई. विमान में 135 लोग सवार थे, जिनमें से 133 की मौत हो गई. केवल दो लोग बचे थे.

6- चरखी दादरी हादसा
तारीख: 12 नवंबर 1996
स्थान: चरखी दादरी, हरियाणा
विवरण: भारत के इतिहास का सबसे भयानक विमान हादसा. सऊदी अरब एयरलाइंस और कजाकिस्तान एयरलाइंस के दो विमान हवा में टकरा गए. इस हादसे में 349 लोगों की जान गई. यह दुनिया की सबसे बड़ी मिड-एयर टक्करों में से एक है.

7- एलायंस एयर फ्लाइट 7412
तारीख: 17 जुलाई 2000
स्थान: पटना, बिहार
विवरण: एलायंस एयर की फ्लाइट CD-7412 लैंडिंग के दौरान पटना हवाई अड्डे पर दुर्घटनाग्रस्त हो गई. पायलट के नियंत्रण खोने के कारण हुए इस हादसे में 60 लोगों की मौत हुई.

8- मंगलौर विमान हादसा
तारीख: 22 मई 2010
स्थान: मंगलौर, कर्नाटक
विवरण: एयर इंडिया एक्सप्रेस की फ्लाइट IX-812 लैंडिंग के दौरान रनवे से फिसलकर खाई में गिर गई. इस हादसे में 158 लोग मारे गए. भारी बारिश और रनवे की स्थिति को कारण माना गया था.

9- कोझीकोड विमान हादसा
तारीख: 7 अगस्त 2020
स्थान: कोझीकोड, केरल
विवरण: एयर इंडिया एक्सप्रेस की फ्लाइट IX-1344, जो वंदे भारत मिशन का हिस्सा थी, भारी बारिश के बीच लैंडिंग के दौरान रनवे से फिसल गई. इस हादसे में 18 लोगों की मौत हुई, जिसमें दोनों पायलट शामिल थे.

10- HAL क्रैश, ग्वालियर
तारीख: जनवरी 2023
स्थान: ग्वालियर, मध्यप्रदेश
विवरण: दो फाइटर जेट्स (Sukhoi और Mirage 2000) की मिड-एयर कोलिजन यानी बीच हवा में टक्कर हो गई थी. इस हादसे में एक पायलट की मौत हो गई थी.

बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर के इतिहास में कई तकनीकी खामियां सामने आई हैं- 2013 में बैटरी में आग: दो ड्रीमलाइनर विमानों में लिथियम-आयन बैटरी में आग लगने की घटनाएं हुईं, जिसके बाद FAA ने तीन महीने के लिए सभी ड्रीमलाइनर उड़ानों पर रोक लगा दी थी।
इंजन और इलेक्ट्रिकल खराबी: जनरल इलेक्ट्रिक GEnx और रोल्स-रॉयस ट्रेंट 1000 इंजनों में खराबी, फ्यूल लीकेज, विंडशील्ड में दरार, और सॉफ्टवेयर गड़बड़ियां दर्ज की गईं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *