औरैया में बिजली संकट: तीन दिन से अंधेरे में डूबे गांव, प्रशासन बेखबर

औरैया (उत्तर प्रदेश):
जिले के ग्राम मल्लाहन का पूर्व बिरिया सहित आसपास के कई गांव इन दिनों भीषण बिजली संकट से जूझ रहे हैं। पिछले तीन दिनों से लगातार बिजली गुल है, जिससे ग्रामीणों की परेशानियां चरम पर पहुंच गई हैं। भीषण गर्मी (तापमान 40 डिग्री सेल्सियस) में छोटे-छोटे बच्चे, बुजुर्ग और मवेशी पानी और राहत के लिए बेहाल हैं। गांव में हाहाकार मचा हुआ है, लेकिन बिजली विभाग और प्रशासन की ओर से कोई ठोस कार्रवाई नहीं की जा रही।

ग्रामीणों का आरोप: अधिकारी बेपरवाह, जनता बेहाल

ग्रामीणों का कहना है कि बिजली विभाग के अधिकारी लगातार आश्वासन दे रहे हैं, लेकिन समस्या का समाधान नहीं हो रहा। गांव के निवासी रामलाल ने बताया, “तीन दिन से लाइट नहीं है, बच्चे बीमार हो रहे हैं, बुजुर्गों को गर्मी में सांस लेने में दिक्कत हो रही है। अधिकारी कहते हैं कि खंभे टूटे हैं, ठीक होने में दो दिन और लगेंगे।”

Oplus_0

पानी के लिए जद्दोजहद, मवेशी भी परेशान

बिजली न होने से गांव के हैंडपंप और मोटर भी बंद पड़े हैं। महिलाओं को दूर-दूर से पानी लाना पड़ रहा है। मवेशियों के लिए चारा और पानी की किल्लत हो गई है। कई घरों में पीने का पानी तक खत्म हो गया है।

सरकारी दावों की खुली पोल

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हाल ही में आदेश दिए थे कि प्रदेश के सभी गांवों में 24 घंटे बिजली आपूर्ति सुनिश्चित की जाए, लेकिन औरैया के इन गांवों में हकीकत कुछ और ही है। ग्रामीणों का आरोप है कि अधिकारियों के घरों में 24 घंटे बिजली रहती है, लेकिन आम जनता की कोई सुनवाई नहीं हो रही।

प्रशासन की सफाई

बिजली विभाग के अधिकारियों का कहना है कि “कुछ खंभे टूट गए हैं, मरम्मत का कार्य चल रहा है, जल्द ही बिजली बहाल कर दी जाएगी।” लेकिन ग्रामीणों का कहना है कि हर बार यही बहाना सुनने को मिलता है, समस्या का स्थायी समाधान नहीं किया जाता।

मुख्यमंत्री से न्याय की गुहार

ग्रामीणों ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मांग की है कि वे खुद इस मामले की जांच कराएं और लापरवाह अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करें। साथ ही, यह सुनिश्चित किया जाए कि भविष्य में ऐसी समस्याएं न हों और अधिकारी अपनी ड्यूटी समय पर निभाएं।

निष्कर्ष

औरैया के इन गांवों का बिजली संकट एक बार फिर सरकारी दावों और जमीनी हकीकत के बीच की खाई को उजागर करता है। ग्रामीणों की उम्मीद अब सिर्फ प्रशासनिक कार्रवाई और मुख्यमंत्री के हस्तक्षेप पर टिकी है। देखना होगा कि कब तक इन गांवों में रोशनी लौटती है और लोगों को राहत मिलती है।

औरैया से रामकुमार निषाद की रिपोर्ट

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *