संवाददाता- उमेश भार्गव
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सामने खड़ा ये व्यक्ति संदीप सिंह है.. (फोटो संदीप के फेसबुक पर अपलोड है..)
संदीप सिंह उर्फ संदीप ठाकुर..
कानपुर के बर्रा थाना का हिस्ट्रीशीटर है..
बीजेपी के तमाम दिग्गज नेताओं से नजदीकियां रखने वाला संदीप ठाकुर को कानपुर पुलिस भी दे रही संरक्षण
हिस्ट्रीशीट संख्या है A 1299..
संदीप ठाकुर पर हत्या, हत्या के प्रयास, धोखाधड़ी, बलवा, मारपीट, हुई अवैध असलहे समेत कई गंभीर धाराओं के कुल 27 मुकदमे दर्ज हैं. वर्ष 2002 में बर्रा थाना से संदीप ठाकुर पर NSA (राष्ट्रीय सुरक्षा कानून) भी लग चुका है.

कानपुर कमिश्नरेट के बर्रा, नौबस्ता, किदवईनगर, गोविंद नगर, कल्याणपुर, पनकी, सचेंडी और रायबरेली के सरेनी थाने की पुलिस संदीप सिंह को अच्छी तरह से जानती है. इन्हीं थानों में संदीप के खिलाफ वर्ष 2002 से 2015 के बीच केस दर केस दर्ज हुए. हो सकता है इसमें से कुछ मुकदमे खत्म भी हो चुके हों! चर्चा यह भी है कि संदीप सिंह की हिस्ट्रीशीट भी बर्रा पुलिस ने नष्ट कर दी है. सच क्या है! नहीं मालूम, लेकिन मामला गंभीर है
संदीप ठाकुर का इतिहास सब जानते हैं.. बस कानपुर के पुलिस-प्रशासन के अधिकारियों को शायद उनके बारे में पूरी जानकारी नहीं है.. तभी तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी से मिलवा दिया.
संदीप ठाकुर का नाम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से कानपुर एयरपोर्ट पर विदाई के वक्त मिलने वाले 25 लोगों की सूची में 22वें नंबर पर दर्ज है. उनके नाम के आगे रीजनल कन्वेनर इलेक्शन से लिखा हुआ है.
अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी को क्या मालूम संदीप सिंह उर्फ संदीप ठाकुर कौन है? क्या करता है? ये जिम्मेदारी तो कानपुर से लेकर लखनऊ तक बैठे शासन-प्रशासन के अधिकारियों की थी.
मुझे ऐसा क्यों लग रहा है कि कानपुर से लखनऊ तक के अधिकारियों ने प्रधानमंत्री ऑफिस को भी झूठी जानकारी दी.. संदीप सिंह और संदीप ठाकुर खुद ही नहीं अपने परिवार को लेकर भी चर्चा में रहते हैं उनके पिता और उनके भाई पर भी तमाम मुकदमे दर्ज हैं.
क्या इसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी की छवि के साथ खिलवाड़ नहीं माना जाएगा? क्या इस अक्षम्य अपराध पर कानपुर के पुलिस-प्रशासन के अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं होनी चाहिए
