खास बूट बना रही कानपुर की ऑर्डिनेंस फैक्ट्री, सेना के जवानों के लिए बर्फीले रास्तों में होंगे मददगार!

संवाददाता-उमेश भार्गव

देश के सैनिक अब बर्फीले और दुर्गम रास्तों में पूरी मुस्तैदी से जाकर दुश्मनों को ढेर कर सकेंगे. सैनिकों को ऐसे स्थानों पर मजबूती देने के लिए देश में पहली बार कानपुर की आर्डिनेंस इक्विपमेंट फैक्ट्री (ओईएफ) कई ऐसे स्वदेशी उपकरण तैयार करेगी, जो सैनिकों के लिए बहुत मददगार साबित होंगे.

सेना के जवानों के बूटों की विशेषता:
जीएम अनिल रंगा ने बताया, क्रेम्पेन एक तरह का ऐसा उपकरण होता है, जो बूट के नीचे की ओर बेस बनाता है. बूट संग जब क्रेम्पेन लगा होता है, तो सैनिकों को बर्फ की यात्रा, दुर्गम रास्तों में सफर करना आरामदायक हो जाता है. यह एक निश्चित अनुपात में विभिन्न धातुओं के मिश्रण से बनता है. इससे सैनिकों को मजबूती मिलती है.

स्वदेशी उपकरणों की विशेषताएं:
ओईएफ के जीएम अनिल रंगा ने बताया, बूट क्रेम्पेन के अलावा सैनिकों को बर्फीले क्षेत्रों में चलने के लिए रॉक पीटन, आईसपीटन, शॉवल और कैराबाइनर जैसे उपकरणों की भी जरूरत पड़ती है. इसमें शॉवल का काम होता है, रास्तों से बर्फ को हटाना.
यह एक तरह से फावड़ा जैसा दिखने वाला उपकरण है. इसी तरह रॉक पीटन व आईसपीटन जैसे उपकरणों का उपयोग पहाड़ों, चट्टानों को तोड़ने और आईसपीटन से बहुत अधिक जमा बर्फ को तोड़ने का काम किया जाता है. इसी प्रकार कैराबाइनर भी रास्तों को सुगम बनाने में मददगार साबित होता है.

लाखों हाई एंकल बूट का मिला ऑर्डर:
ओईएफ कानपुर को कुछ माह पहले ही सेना की ओर से लाखों हाई एंकल बूट का आर्डर मिल चुका है. इसमें से हजारों की संख्या में बूट सेना को दिए भी जा चुके हैं. अब सेना ने बूट के साथ ही बूट क्रेम्पेन भी मांग लिया है. जीएम अनिल रंगा ने कहा, आने वाले समय में हम ऐसा जूता बनाएंगे जिसकी कीमत बहुत अधिक होगी, मगर वह उतना ही अधिक किफायती भी साबित होगा.

अब तक दूसरे देशों पर थी निर्भरता:
आर्डिनेंस इक्विपमेंट फैक्ट्री (ओईएफ) के जीएम अनिल रंगा ने बताया कि अभी तक सैनिकों को जो बूट क्रेम्पेन मिलते थे, उनके लिए दूसरे देशों पर निर्भरता रहती थी. अब देश में पहली बार स्वदेशी बूट क्रेम्पेन तैयार होने जा रहे हैं.
एक बूट क्रेम्पेन की औसतन कीमत 15 हजार रुपए के आसपास होती थी. मगर, ओईएफ में इसे आयातित दामों से 50 प्रतिशत कम रेट पर तैयार करेगा. पहले चरण में 50 से 60 हजार बूट क्रेम्पेन बनाए जाएंगे.

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